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"10 हजार के बदले 10 करोड़ लौटाना चाहता हूं दोस्त को - सूरत के हिम्मत राजा की सच्ची कहानी"

 

हीरानगरी सूरत से एक दिल को छू लेने वाली सच्ची कहानी सामने आई है।


हिम्मत राजा, जो आज करोड़ों का व्यापार संभाल रहे हैं, एक पुराने दोस्त को तलाश रहे हैं — नानजी पटेल, जिसने उनके जीवन के सबसे कठिन समय में मदद की थी। बात है साल 1992 की, जब हिम्मत राजा कंगाली के दौर से गुजर रहे थे। उनके पास जीवन शुरू करने के लिए पैसे नहीं थे, और हर दरवाज़ा बंद लग रहा था।


लेकिन तभी, उनके मित्र नानजी पटेल ने अपनी पत्नी के आभूषण लाकर हिम्मत को दिए। पहले तो हिम्मत ने लेने से मना कर दिया, लेकिन नानजी ने कहा:


> "रख ले भाई, आज तेरा वक्त खराब है। कल तू मुझे याद करेगा।"




हिम्मत ने उन आभूषणों को गिरवी रखकर एक फरसाण (नाश्ता) का ठेला शुरू किया। यही छोटा-सा बिज़नेस आगे चलकर एक बड़े कारोबार में बदल गया। आज हिम्मत राजा का नाम सूरत के सफल व्यवसायियों में गिना जाता है।


लेकिन उन्हें अब भी एक अधूरी कसक है — नानजी को धन्यवाद नहीं कह पाए। इसलिए वे अब पूरे देश में अपने उस दोस्त को ढूंढ रहे हैं, ताकि वे उस 10 हजार की मदद के बदले 10 करोड़ रुपये लौटाकर अपनी कर्ज़दारी चुकता कर सकें।


यह कहानी हमें सिखाती है:


सच्ची दोस्ती कभी नहीं मरती।


किसी की मदद कभी व्यर्थ नहीं जाती।


संघर्ष के दौर में साथ देने वाला ही असली साथी होता है।



हिम्मत राजा का ये जज्बा और भावुक पहल हर किसी को इंसानियत और रिश्तों की अहमियत समझाता है। अगर आप या आपके जानने वाले नानजी पटेल को जानते हैं, तो इस खबर को जरूर शेयर करें।



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📢 क्या आप जानते हैं नानजी पटेल को?


अगर हाँ, तो हिम्मत राजा तक यह खबर पहुंचाना आपका फर्ज है। शायद एक सच्चा धन्यवाद और एक पुराना रिश्ता फिर से जुड़ सके।


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